संस्थापक के विचार
संस्थापक रामप्रसाद जोशी के अनुसार आर्टिजन एग्रो इन्डिया प्राइवेट लिमिटेड का गठन जैविक और पर्यावरण के अनुकूल इंजीनियर प्रोड्क्ट उत्पादों को विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था। आर्टिजन एग्रो इन्डिया की संस्थापक टीम ने बेहतर लकड़ी के विकल्प के रूप में बांस की क्षमता समझा । तथा व्यापक शोध के माध्यम से, हमने मध्य भारत की स्वदेशी प्रजाति बम्बुसा बम्बोस (कटिंगा) को इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त पाया। इस विजन को हकीकत में बदलने के लिए 2018 में एक यात्रा शुरू हुई थी। कम्पनी संस्थापक रामप्रसाद जोशी ने आस्ट्रेलिया.थाईलैन्ड की यात्रा के बाद पेपर तथा फर्नीचर उद्योग में लकड़ी के उपयोग के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभाव का एहसास किया उन्होंने लकड़ी के लिए एक उपयुक्त प्रतिस्थापन खोजने के लिए अपनी यात्रा के उपरान्त कई अनुसंधान और परीक्षण के बाद, पेपर, इंजीनियर प्रोड्क्ट उत्पादों तथा फर्नीचर उद्योग में टिम्बर के लिए उपयुक्त विकल्प के रूप में बांस का चयन किया गया। बांस की चुनी हुई प्रजाति, ‘बंबूसा बम्बोस ‘दुनिया की सबसे अधिक घनत्व वाली प्रजातियों में से एक है, जो भारत की मूल प्रजाति, है।
राजस्थान प्रदेश को भारत में विश्व के पहले बांस आधारित प्रोड्क्शन के निर्माण में अग्रणी बनाने के लिए 19 नवम्बर 2020 में आर्टिजन एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई। जिसका उद्देश्य ग्रामीण युवक/युवतियों को MSME के अंतर्गत SHG बनवाकर रोजगार दिलाना है इसके अलावा, कंपनी की महाराष्ट्र और गुजरात हरियाणा में भी इसी तरह के बांस आधारित प्रोड्क्शन प्लांट स्थापित करने की योजना है। जिससे देश के लाखोँ लोंगों को रोजगार मिलेगा इस समग्र परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 लाख लोगों के लिए रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है। इस पहल में किफायती, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव देखा गया है। कच्चे माल की सतत आपूर्ति बनाने के लिए, आर्टिजन एग्रो इन्डिया प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान में अपनी सहयोगी ईकाईयों तथा किसानों के साथ मिलकर उनकी बंजर जमीन पर बांस पौधे लगवाने का काम कर रहा है कम्पनी ने अपनी सहयोगी ईकाईयों के साथ मिलकर प्रथम 1 साल में 500 एकड़ जमीन पर लगभग 3 लाख बांस पौधे लगाने का काम कर लिया है और बांस को एक स्थायी नकदी फसल में बदल रहा है। पारंपरिक फसलों की तुलना में कृषि वानिकी कृषि मॉडल का पालन करने से किसानों की आय में लगभग 5 गुना वृद्धि हो सकती है।
आर्टिजन एग्रो इंडिया ने हरा सोना ग्रीन गोल्ड इकोनॉमी को अपनाने के लिए हमने “OLA“ “OYO’’ जैसा मॉडल अपनाकर सामूहिक बांस उद्योग के अंतर्गत SHG/FPO बनवाकर 5 लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार दिलाना है।